छत्तीसगढ़ की निष्पक्ष और स्वतंत्र मीडिया को बंधक बनाना चाहती है साय सरकार  मीडिया की आज़ादी का किया था वादा अघोषित आपातकाल लगाकर मीडिया को दिया झांसा-जावेद खान 

छत्तीसगढ़ की निष्पक्ष और स्वतंत्र मीडिया को बंधक बनाना चाहती है साय सरकार  मीडिया की आज़ादी का किया था वादा अघोषित आपातकाल लगाकर मीडिया को दिया झांसा-जावेद खान 
जगदलपुर - TIMES OF BASTAR

18 जून 2015 जगदलपुर :- प्रदेश में रेत माफिया से लेकर विभिन्न माफियाओं को संरक्षण देने वाली साय सरकार अब मानव अंग तस्कर माफियाओं को भी कहीं संरक्षण देने के लिए तो नहीं लगाया मीडिया पर प्रतिबंध 

भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता जावेद खान ने छत्तीसगढ़ शासन के चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश को लेकर प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लिया है और प्रेस विज्ञप्ति जारी कर साय सरकार से पूछा है कि क्यों ऐसी जरूरत आन पड़ी कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ छत्तीसगढ़ की मीडिया पर अस्पतालों की अव्यवस्थाओं को जगजाहिर करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है,क्यों मीडिया को दबाने और बंधक बनाने ऐसा तुगलकी फरमान छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से जारी किया गया है,इस आदेश के बाद वार्डों के निरिक्षण से लेकर पेसेंट और परिजनों से मीडिया संवाद पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

छत्तीसगढ़ में जब से भाजपा की सरकार आई है तब से रेत माफिया,खनन माफिया,शराब माफिया,कर्ज माफिया और भू-माफिया सक्रीय हैं और उन्हें सरकार का लगातार संरक्षण भी प्राप्त हो रहा है उसी प्रकार क्या अब छत्तीसगढ़ प्रदेश में मानव अंग तस्करी करने वाले माफिया भी सक्रिय हो चले हैं जिन्हें संरक्षण देने राज्य सरकार ने अस्पतालों में मीडिया के प्रवेश को वर्जित कर दिया है। ऐसा कौन सा पाप विष्णु देव साय सरकार छत्तीसगढ़ के अस्पतालों में कर रही है या करने वाली है जिसके जनता के बीच आने का डर साय सरकार को अभी से सताने लगा है जिसे रोकने मीडिया पर प्रतिबंध सरकार को लगाना पड़ गया है।जावेद ने कहा यह शंका इसलिए भी पैदा हो रही है क्योंकि अभी कुछ दिन पूर्व ही राजधानी के मेकाहारा में पत्रकारों और माफियाओं के बीच झड़प हुई थी आखिर अस्पतालों में गुन्डे,माफियाओं का क्या काम कहीं इन्हीं माफियाओं के जरिए तो नहीं मानव अंग तस्करी फल-फूल रही है।

जावेद ने कहा भाजपा ने चुनाव पूर्व मीडिया की आजादी का वादा था,अब कवरेज पर पाबंदी लगाई जा रही है। अस्पताल में पत्रकार अब पीआरओ से अनुमति लेकर ही रिपोर्टिंग करेंगे और जो पीआओ जारी करेगा वही छापेंगे और जो प्रबंधन दिखाना चाहेगा वही दिखाएंगे,आखिर यह कैसा तुगलकी फरमान है,सरकार को यह तानाशाही आदेश तुरंत वापस लेना चाहिए।अस्पतालों की अव्यवस्थाओं को सुधारने में पूरी तरह से विफल हो चुकी है विष्णु सरकार इसलिए अस्पतालों में मीडिया के प्रवेश पर ही विराम लगाया जा रहा है,यह छत्तीसगढ़ के निष्पक्ष पत्रकारों की पत्रकारिता को अपराध में बदलने की साज़िश है,56 इंच का सीना वाली सरकार के हिसाब से वो ही खबर दिखाइ जाएगी जो वे चाहते हैं,ऐसा नहीं करने वाले छत्तीसगढ़ के निर्भीक और निष्पक्ष पत्रकारों से यह सरकार खौफजदा हैं,जावेद ने कहा मीडिया के लिए विभागों में लक्ष्मण रेखा खींची जा रही है जो कि मीडिया पर अघोषित आपातकाल लगाने के बराबर है।

जावेद ने राज्य सरकार से मांग की है कि सरकार तत्काल इस तानाशाही आदेश को वापस ले और मीडिया को स्वतंत्र रूप से काम करने दे अन्यथा आने वाले दिनों में इसका खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ेगा यह आदेश विष्णु देव साय सरकार को महंगा पड़ेगा